Tuesday, April 30, 2024

Wrestler Protest: दिल्ली पुलिस की जांच में बृजभूषण को क्लीन चिट! तो क्या अब जेल जाएंगी बेटियां?

बहुत से लोगों को तो पता भी नहीं होगा कि ओलंपिक क्या होता है? कई लोग गुटखा खाकर कहते हैं ये ओलंपिक मेडल ही नहीं, हमारे पैसे भी वापस दो. अगर सरकार चाहेगी तो हम पैसे भी दे देंगे. आप पहले मेडल लाकर दिखाओ, फ‍िर बात करना. कांग्रेस के मंच से बॉक्सर विजेंद्र का ये बयान खिलाड़ियों के दर्द को साफ-साफ बताता है. जिस तरह गंगा में मेडल बहाने पहुंची खिलाड़ियों पर खर्च किए गए सरकारी पैसे और इनामों की चर्चा राष्ट्रीय मीडिया पर की गई उससे ऐसा लगा कि मेडल पैसे से ही आया था मेहनत और टैलेंट से नहीं.

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बदल दिया चर्चा का विषय

मंगलवार रात तक देश का खून इस बात को लेकर उबाल मार रहा था कि बेटियां अपने मेडल गंगा में बहाने को मजबूर क्यों हुई लेकिन बुधवार होते-होते चर्चा का विषय ही बदल दिया गया. समाचार एजेंसी एएनआई ने एक बड़ी सनसनीखेज़ खबर ट्वीट की. एएनआई ने दावा किया है कि बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण सिंह को दिल्ली पुलिस 15 दिन के अंदर क्लीन चिट देने जा रही है.

कभी सोचा आपने कैसे लीक हो जाती है मौके पर जानकारियां?

एएनआई ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया है. ANI को दिल्ली पुलिस के टॉप सोर्स ने बताया है कि, “अब तक हमें बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं. 15 दिनों के भीतर हम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेंगे. यह चार्जशीट या अंतिम रिपोर्ट हो सकती है. पहलवानों के दावे को साबित करने वाला कोई सबूत नहीं मिला है.”
इससे पहले ख़बर ये आ रही थी कि बृज भूषण पर से पॉक्सो एक्ट हटा लिया जाएगा. क्योंकि 2 दिन पहले एक आदमी जो खुद को बृज भूषण पर आरोप लगाने वाली नाबालिग लड़की का चाचा बता रहा था उसने दावा किया था कि लड़की नाबालिग नहीं है. यानी बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में जो महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई थी दोनों को पुलिस खारिज करने वाली है.

पुलिस के सूत्रों ने बढ़ाया बृज भूषण की हिम्मत

इसलिए पुलिस की लीक की गई सूचनाओं के बीच बाराबंकी में बृज भूषण सिंह ने पहलवानों को एक बार और ललकार लिया. उसने कहा, “मैंने कहा था कि अगर एक भी आरोप मेरे ऊपर साबित हो जाएगा तो मैं स्वयं फांसी पर लटक जाऊंगा. आज भी मैं उसी बात पर कायम हूं. 4 महीने हो गए वो मेरी फांसी चाहते हैं लेकिन सरकार मुझे फांसी नहीं दे रही है तो वो (पहलवान) अपना मेडल लेकर गंगा में बहाने जा रहे हैं. मुझ पर आरोप लगाने वालों गंगा में मेडल बहाने से बृज भूषण को फांसी नहीं मिलेगी. अगर तुम्हारे पास सबूत हैं तो न्यायालय को दो और न्यायालय मुझे फांसी देगा तो मुझे वो स्वीकार है.”
तो समझिए अगर दिल्ली पुलिस की जांच पर सबसे ज्यादा किसी को भरोसा है तो वो बृज भूषण सिंह को है. दिल्ली पुलिस शुरू से बृजभूषण के साथ खड़ी है क्योंकि उसके साथ सरकार खड़ी है. ऐसे में दिल्ली पुलिस की जांच रिपोर्ट कैसी होगी ये समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है.

पहलवानों पर दबाव बनाने क्या की गई नाबालिग की पहचान उजागर

वैसे नाबालिग लड़की की पहचान उजागर करने के मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर दिया है. स्वाती मालीवाल ने कहा कि “एक आदमी खुद को Brij Bhushan के खिलाफ शिकायत देने वाली नाबालिग बच्ची का चाचा बता कर उस लड़की के काग़ज़ात प्रेस में दिखा कर लड़की की पहचान उजागर कर रहा है. पुलिस को नोटिस कर रही हूं, इस आदमी के खिलाफ POCSO में FIR हो. क्या इसलिए ही ब्रृज भूषण को छोड़ा हुआ है जिससे पीड़िता पे दबाव बन सके?”

यौन उत्पीड़न के आरोपी बीजेपी सांसदों ने पीड़ित को किया है बर्बाद

लेकिन अब इन बातों का क्या फायदा जब सैंय्या भए कोतवाल तो डर काहे का, जो दिल्ली पुलिस बृजभूषण के खिलाफ पोक्सो मामले में एफआईआर दर्ज करने को तैयार नहीं थी. जो दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर तो लिखती है लेकिन पॉक्सो का आरोप लगाने के बाद भी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती. उस पुलिस की जांच में आरोपी को क्लीन चिट मिल जाना कोई हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए. दरअसल बीजेपी के सांसदों का इतिहास रहा है कि वो अपने पर यौन शोषण के आरोप लगाने वालों को बर्बाद कर देते हैं फिर चाहे मामला कुलदीप सिंह सेंगर का हो या स्वामी चिन्मयानंद का. सेंगर ने तो पीड़िता के पिता और चाचा को जेल भी भिजवा दिया था. पीड़िता का पिता पुलिस की पिटाई से मर गया. पीड़िता के परिवार की एक सड़क हादसे में जान जाते जाते बची. ट्रक ने पीड़िता की गाड़ी को ऐसी टक्कर मारी की पीड़िता अस्पताल और उसकी चाची और मां भगवान के पास पहुंच गए. इसी तरह चिन्मयानंद मामले में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की को सबूत के तौर पर बनाए उसके खुद के वीडियो को लेकर जेल जाना पड़ा. पहलवानों से जो लोग आज वीडियो और ऑडियो सबूत मांग रहे हैं वो ये जरूर जान लें कि चिन्मयानंद मामले में ऐसे ही एक वीडियो के चलते लड़की और उसके साथी पर ब्लैकमेलिंग का केस बना कर उन्हें जेल भेज दिया गया था. वैसे एक और मामला है जिसमें सारे सबूत हैं. गृह राज्यमंत्री टेनी के बेटे का किसानों को गाड़ी से कुचलने का मामला लेकिन क्या उसमें बीजेपी ने कार्रवाई की. नहीं माननीय टेनी जी अब भी गृह राज्य मंत्री हैं.

सुप्रीम कोर्ट के डर से एफआईआर लिखने वाली पुलिस कैसे करेगी सही जांच

इसलिए इंसाफ की गुहार लगा रही पहलवानों का मामला भी रफा दफा कर दिया जाए. उन्हें भी दोषी करार दे दिया जाए तो हैरान होने की बात नहीं है. ये न्यू इंडिया है. यहां कुछ भी संभव है. यहां सत्ता की ऐसी धमक है कि उसे जनता की सोच से कोई फर्क नहीं पड़ता. यहां मामला बदलता है तो नेरेटिव ही बदल दिए जाते हैं. क्रोनोलॉजी बता दी जाती है. हर मामले में विपक्ष, विदेशी और लेफ्ट की साजिश दिखा दी जाती है. देश को बदनाम करने और देश द्रोह का आरोप लगा दिया जाता है. हर मामले में चुनाव को ला दिया जाता है. जैसे इस मामले में हरियाणा चुनाव जो अब से दो साल बाद होना है उसे ला लिया गया है. यानी आज ये बेटियां जो यूपी के एक सांसद के खिलाफ आरोप लगा रही हैं असल में वो हरियाणा चुनाव के लिए ज़मीन तैयार कर रही हैं. हर बात में देश को सर्वोपरि रखने वाली सरकार चाहती है कि आप ये विश्वास करें कि ये हरियाणा राज्य की यूपी राज्य के खिलाफ साजिश है. इसलिए जो बेटियां कल तक आपकी शान थी. जिनका सम्मान आपके लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा था आज वो सिर्फ टूलकिट का हिस्सा हैं

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