Monday, April 29, 2024

पीएम मोदी का नाम Nobel Prize के लिए चुना गया, इस दावे की क्या है सच्चाई ?

दिल्ली : पूरी दुनिया में भारत को एक मजबूत छवि के साथ पेश करने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Narendra Modi को. जिनकी वाक कला और गजब के व्यक्तित्व ने पूरी दुनिया को भारत को विश्व गुरू मानने के लिए मजबूर कर दिया. ये कमाल नहीं तो क्या है कि युक्रेन और रूस जैसे देशों के बीच महाविनाशकारी जंग को रोकने के लिए भारत से पूरी दुनिया उम्मीद लगाए बैठी हो. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका का राष्ट्रपति भी भारत के आगे सिर झुकाये हो. कोरोना जैसी महामारी के वक्त सबसे पहले वैक्सीन बनाकर पूरी दुनिया को सुरक्षा कवच बाँटना ये कुछ ऐसी बातें और उपलब्धियां हैं जिसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया जाता है. ऐसे में इन अविश्वसनीय उपलब्धियों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल प्राइज Nobel Prize  से सम्मानित किया जाने वाला है. इस तरह की खबर भी सामने आ रही है.  कई लोग इसे सच कह रहे हैं तो कई इसे झूठ बता रहे हैं.

Nobel Prize की दौर में पीएम मोदी ?

दरअसल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी एक खबर बहुत तेज़ी से वायरल हो रही है. इसमें कहा जा रहा है कि उनको नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) से सम्मानित किया जा सकता है. वायरल खबर में दावा किया गया कि नोबेल पुरस्कार समिति के उपनेता असले तोजे (Asle Toje) ने कहा कि पीएम मोदी पुरस्कार के लिए सबसे बड़े दावेदार हैं. वैसे अगर ऐसा होता है तो यह भारत के लिए एक गर्व की बात होगी.  वायरल खबर के अनुसार असले तोजे (Asle Toje) का कहना है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज के समय में विश्व में शांति का सबसे विश्वसनीय चेहरा हैं और उन्होंने खुद को मोदी का बहुत बड़ा प्रशंसक भी बताया. इस खबर में यह भी कहा गया कि ताजे के मुताबिक PM नरेंद्र मोदी एक भरोसेमंद नेता हैं और रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को भी बंद करा कर शांति स्थापित करने के लिए समर्थन दिया है.

Asle Toje के हवाले से किया गया दावा

बता दें कि असले तोजे (Asle Toje) एक बड़ा नाम हैं और वह नोबेल समिति के उप नेता भी हैं. यह समिति नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता को चुनती है. असले तोजे पेशे से एक लेखक हैं और उन्होंने जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम, इंग्लैंड और अमेरिका में भी काम किया है. उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से अपनी पीएचडी हासिल की है.

पीएम मोदी के लिए ऐसा कोई दावा नहीं किया गया

अब अगर नोबेल शांति पुरस्कार Nobel Prize  कमेटी के सदस्य असले तोजे की मीडिया बाइटों पर नज़र डालें तो असल में असले तोजे ने कहीं भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार का दावेदार नहीं बताया है. चौंकिए मत ये सच है. पिछले कुछ दिनों में उनकी बाइट को ये कह कर बहुत वायरल किया गया कि प्रधानमंत्री के नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित होने में वो समर्थन दे रहे हैं. लेकिन उन्होंने असल में अपने बयान में कहीं भी प्रधानमंत्री मोदी का नाम नहीं लिया. इससे यह साफ हो जाता है कि सोशल मीडिया पर नोबेल शांति पुरस्कार कमेटी के सदस्य असले तोजे के गलत बयान को वायरल किया जा रहा है. दरअसल उन्होंने यह बयान कहीं नहीं दिया कि PM मोदी नोबेल शांति पुरस्कार के बड़े दावेदार हैं. इसे लेकर राहुल गाँधी ने भी इस अफवाह की पोल खोलते हुए पोस्ट डाला था.

कैलाश सत्यार्थी को मिल चुका है पुरस्कार

आपको बता दें कि नोबेल शांति पुरस्कार हर साल ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने दुनिया में शांति कायम करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो. अभी तक कुल 110 लोगों को और 27 संस्थानों को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया है. 2009 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को नोबेल शांति पुरस्कार मिला था और 2014 में भारत के कैलाश सत्यार्थी को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इनके अलावा मदर टेरेसा को भी इस अवार्ड से सम्मानित किया गया था. यानी ये तो साफ है कि फ़िलहाल प्रधानमंत्री मोदी का नाम नोबेल पुरस्कार की दौर में नहीं है लेकिन उम्मीद है कि आने वाले समय में वो नोबेल शांति पुरस्कार के दमदार दावेदार होंगे.

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